हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मौलाना सैयद क़ल्बे जवाद नक़वी पर लखनऊ में हुए हमले के ख़िलाफ़ हुज्जतुल इस्लाम मौलाना सिराज हुसैन ने अपने विचार ज़ाहिर करते हुए कहा कि लखनऊ में मजलिसे उलेमा-ए-हिंद के जनरल सेक्रेटरी और क़ाएद ए मिल्लत मौलाना सैयद क़ल्बे जवाद नक़वी पर हुआ हमला सिर्फ एक व्यक्ति पर हमला नहीं है, बल्कि पूरी क़ौम को जगाने वाली एक चेतावनी है।यह हमला उस सोच के ख़िलाफ़ है जो हमेशा ज़ुल्म के मुक़ाबले में हक़ की आवाज़ उठाती है।
नंदनीय बयान कुछ इस प्रकार है:
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
लखनऊ जिसे हमेशा इल्म, अदब और समझ-बूझ का मरकज़ माना गया है आज ग़म और बेचैनी में डूबा हुआ है।बल्कि पूरी इंसानियत का हर जागरूक दिल इस वाक़ए से दु:खी है।
एक बड़े आलिमे दीन, क़ौमी रहनुमा और मजलिसे उलेमा-ए-हिंद के जनरल सेक्रेटरी मौलाना सैयद क़ल्बे जवाद नक़वी पर किया गया हमला असल में पूरी मिल्लत को जगाने के लिए एक ज़ोरदार दस्तक है।
इस हमले के पीछे वही सोच काम कर रही है जो हमेशा से मिल्लत की एकता से डरती रही है।दुश्मन अच्छी तरह जानता है कि जब क़ौम अपने उलेमा (धार्मिक नेताओं) के पीछे इकट्ठा हो जाती है, तो बातिल (झूठ/ज़ुल्म) की बुनियादें हिल जाती हैं।इसी डर ने एक बार फिर इस कायराना हरकत को जन्म दिया है।
हम इस दर्दनाक वाक़ए की कड़ी निंदा करते हैं।यह हमला सिर्फ एक सम्मानित आलिम की शख्सियत पर नहीं है, बल्कि उस सोच को दबाने की नाकाम कोशिश है जो हमेशा ज़ुल्म के ख़िलाफ़ हक़ का परचम उठाती रही है।
मौलाना क़ल्बे जवाद नक़वी ने हमेशा अपने किरदार, रहनुमाई और बोलचाल से ये साबित किया है कि वो हक़ के रास्ते पर मज़बूती से क़ायम हैं।ऐसे सच्चे लोगों पर हमले इस बात की गवाही हैं कि उनकी आवाज़ इतनी बुलंद और असरदार है कि बातिल उससे डरता है।लेकिन अब वक़्त तमाशबीन बनने का नहीं, जागने और एकजुट होने का है और यही जागरूकता आज पूरी क़ौम में नज़र आ रही है।
हर तरफ से निंदा भरे बयान सामने आ रहे हैं और यही हमारी असली ताक़त है।जो लोग अब तक खामोश हैं, उन्हें भी अब अपनी चुप्पी तोड़नी होगी,क्योंकि यही खामोशी दुश्मन को हिम्मत देती है।जब क़ौम बिखरती है, तभी दुश्मन हमला करने का साहस करता है।
अब खामोशी भी गुनाह बन चुकी है।
यह समय शिकवे-शिकायत या गुज़रे हुए गिले-शिकवे दोहराने का नहीं,बल्कि इत्तेहाद और समझदारी का है।हमें अपने आपसी मतभेद भूलाकर ये साबित करना होगा कि हम एक ज़िंदा क़ौम हैं जो अपने रहनुमाओं पर हमला कभी बर्दाश्त नहीं करेगी।
हम भारत सरकार से माँग करते हैं कि इस हमले की निष्पक्ष जांच कराई जाए,दोषियों को सख़्त से सख़्त सज़ा दी जाए,और उलेमा की सुरक्षा के लिए ठोस क़दम उठाए जाएँ।
क़ौम से अपील है कि वो अपने उलेमा की इज़्ज़त, हिफ़ाज़त और खिदमत को अपने ईमान का हिस्सा समझे।क्योंकि जो क़ौम अपने रहनुमाओं की क़द्र खो देती है,वो अपनी मंज़िल भी खो देती है।
ये हमला हमें डराने के लिए किया गया था,मगर इसने क़ौम के ज़मीर को और ज़्यादा जगाया और एकजुट कर दिया है।अगर आज हमनें इत्तेहाद दिखाया,तो यक़ीनन आने वाला कल हमारा होगा।क्योंकि आज की जागरूकता ही, कल की जीत है।
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