शनिवार 18 अक्तूबर 2025 - 10:00
शरई अहकाम । पूंजी बाजार में अस्थिरता पर शरई हुक्म क्या है?

हौज़ा / आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनेई ने शेयर और सोने के बाजारों में "उतार-चढ़ाव" पर शरई हुक्म के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब दिया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, कम समय के लिए लेन-देन करके थोड़ा मुनाफ़ा कमाने का तरीका, जो खासकर शेयर मार्केट और सोने जैसे बाजारों में लोकप्रिय है। इसमें कीमत के छोटे-मोटे बदलावों से लाभ हासिल किया जाता है। यह काम सीधे शेयर खरीदने-बेचने के रूप में या एक्सचेंज के बाहर भी होता है। शरई तौर पर इन तरह के लेन-देन करना, इस क्षेत्र के काम करने वालों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आयतुल्लाह सय्यद अली ख़ामेनेई  ने इस विषय पर एक सवाल का जवाब दिया है, जिसे रुचि रखने वालों के लिए प्रस्तुत किया जा रहा है।

सवाल: शेयर बाजार और सोने के बाजार में व्यापार (उतार-चढ़ाव) का हुक्म क्या है?

जवाब: अगर शेयर या कोई वस्तु वास्तविक रूप से खरीदी जाती है लेकिन उसे रखना नहीं चाहता और कीमत बढ़ने पर बेच देना चाहता है, और यह कारोबार क़ानूनों के खिलाफ नहीं है, तो इसमें कोई हरज नही है।

लेकिन अगर यह लेन-देन एक्सचेंज के बाहर हो जैसे कि भविष्य के लंबे कॉन्ट्रैक्ट (परप्चुअल) या सीडीएफ (कॉन्ट्रैक्ट फॉर डिफरेंस) हो, तो यह एहतीयात के तौर पर इससे मिलकियत हासिल नहीं होती।

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