हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,जौनपुर,अज़ाख़ाना अल्हाज नूर मुहम्मद कर्बलाई मरहूम पान दरीबा जौनपुर में 15 मोहर्रम के जुलूस में ख़िताब करते हुए मौलाना फ़ज़्ले मुमताज़ साहब ने फ़रमाया के कर्बला का एक अहम पैग़ाम अपनी ज़िम्मेदारियों को वक्त पर अंजाम देना है और अगर ज़िम्मेदारी वक्त पर अदा ना हो तो उस काम मे हुस्नओ जमाल ग़ारत हो जाता हैं।
कर्बला के शहीदों ने अपनी ज़िम्मेदारियों को वक्त पर बा ख़ूबी अदा किया जिस से कर्बला की तारीख़ हसीन ओ जमील हो गई यही वजह है कि जनाब ज़ैनब अ.स.ने कहा था कि मैं ने कर्बला में हुस्न ओ जमाल के सिवा कुछ देखा ही नहीं।
यह जुलूस शिराज़े हिंद के क़दीम जुलूसों में से एक है जिसमे शहरे जौनपुर की अवाम दूसरी जगह के मोमिनीन बड़ी संख्या में उपस्थित हुए जुलूस का आग़ाज़ सैयद गौहर अली ज़ैदी ने सोज़ख़्वानी के ज़रिए से किया।
जुलूस में निज़ामत के फ़राइज़ मौलाना क़ाज़ी बाक़िर मेहदी साहब ने की पेश ख़्वानी के फ़राइज़ जनाब आले रज़ा साहब, जनाब ज़मीर जौनपुरी साहब, जनाब एहतेशाम जौनपुरी साहब , जनाब सलमान जौनपुरी और जनाब वसीम जौनपुरी साहब ने किया।
जुलूस की एख्तेतामी तक़रीर मौलाना मोहम्मद रज़ा ख़ान साहब ने की जिस में उन्होंने अज़ादारी में ख़्वातीन के ख़ास किरदार पर रौशनी डाली और मुख़ालेफ़ीन को मुंह तोड़ जवाब दिया।
तक़रीर के बाद 72 पंजे के अलम की मख़्सूस ज़ियारत कराई गई , जौनपुर की मारूफ अंजुमनों ने हज़रत ज़हरा अ.स. को उनके नौनिहालों का पुरसा पेश किया , कसीर तादाद में मोमनीन और मोमनात ने शिरकत की।
यह जुलूस हुसैनिया मीर घर पान दरीबा में एख़्तेताम पज़ीर हुआ , इस मौक़े पर शहर के दीगर उलेमाए केराम हुज्जतुल इस्लाम आली जनाब मौलाना निसार हुसैन प्रिंस साहब, आली जनाब मौलाना दिलशाद हुसैन साहब, आली जनाब मौलाना हसन जाफर साहब,आली जनाब मौलाना सलमान हैदर साहब किबला वग़ैरा मौजूद रहे।
यह जुलूस सोगवाराने सैयदूश्शोहदा अ.स. कमेटी की जानिब से हर साल 15 मुहर्रम को होता है।