हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, नजफ-ए- अशरफ मदरसा के प्रमुख शिक्षक सैय्यद मोहम्मद तक़ी मुदर्रसी ने विचलन और मानवीय मूल्यों से दूरी के परिणामस्वरूप मानव सभ्यता के पतन के बारे में चेतावनी देते हुए कहा कि यदि यदि हम खुदा की ओर नहीं लौटेगे, तो यह सभ्यता नष्ट हो जाएगी
उन्होंने कोरोना वायरस के फैलने और अरबों के हिसाब से आर्थिक नुकसान को दैवीय दंड के रूप में उल्लेख करते हुए कहा कि मनुष्य कोरोना से लड़ने में विफल रहा क्योंकि यह सच नहीं था। बल्कि इसका हल यह है कि मानव अपनी कमजोरियों को स्वीकार करें और ईश्वर की ओर वापस आएं और भगवान के प्रतिनिधियों को स्वीकार करें। दिव्य नेता जो मानवता को अच्छाई की राह पर ले जाने वाले हैं।
आयतुल्लाह मुदर्रसी ने ईश्वर की ओर आने को धर्म की ओर आने के लिए न्याय, परोपकार, दया, बेराहरवी और बुराईयो से दूरी के मूल्यों का वर्णन किया और कहा कि हमें वैक्सीन और दवाओ के मद्देनजर पश्चिमी सभ्यता में डूबने और ईश्वरीय प्रकृति से विचलित होने के बजाए खुदा की ओर लौट आना चाहिए।
अंत में नजफ के प्रख्यात धार्मिक विद्वान आयतुल्लाह मुदर्रसी ने रजबुल-मुरज्जब के महीने और हज़रत अमीरुल-मोमेनीन अली (अ.स.) के माध्यम से सर्वशक्तिमान ईश्वर से प्रार्थना की इस मनहूस बीमारी को पूरी मानवता से दूर करे और मानवता को सही रास्ते का चयन करने मे मार्गदर्शन करें।