۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
हुज्जतुल इस्लाम वल मुसलेमीन अली रज़ा पनाहियान

हौज़ा / खतीबे हरम इमाम रज़ा (अ.स.) ने कहा कि विलायत और इमामत की रक्षा करना ज़ैनब-ए- कुबरा (स.अ.) का विशेष और महत्वपूर्ण मिशन था।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के पवित्र और धार्मिक शहर मशहद मे इमाम रज़ा (अ.स.) के पवित्र हरम में उम्मुल-मसाएब हज़रत ज़ैनब-ए- कुबरा (स.अ.) की पुण्यतिथि के अवसर पर संबोधित करते हुए  हुज्जतुल-इस्लाम वल मुस्लेमीन अली रज़ा पनाहियान ने कहा कि जब इस बुजुर्ग महिला के हरम पर जब शत्रु के आपराधिक और कायरतापूर्ण कृत्यों की खबरें  फैल गई, तो दुनिया भर के विभिन्न राष्ट्रीयताओं और भाषाओं के मुसलमानों ने इस पवित्र स्थान को अपनी पूरी ताकत से तैयार होकर उसकी रक्षा की।

उन्होंने आगे कहा कि जो लोग हज़रत ज़ैनब (स.अ.) के पवित्र हरम की रक्षा के लिए मैदान में उतरे थे, वे एक ही राष्ट्र के नहीं थे, बल्कि उन्होने अहलेबैत (अ.स.) के इश्क़ और मोहब्बत मे परिपूर्ण होकर अपने दृढ़ संकल्प के साथ दुश्मन से मुक़ाबला किया और उन्होंने दुश्मन को पीछे हटने पर विवश कर दिया। 

हुज्जतुल-इस्लाम वल मुस्लेमीन पनाहियन ने कहा कि हज़रत ज़ैनब (स.अ.) के प्यार और स्नेह के साथ क्षेत्र में एक महान सेना का गठन किया गया, जिनकी सेनाएं दुनिया भर से थीं और इस प्यार और एकता के साथ वह शताब्दी (सदी) का एक महान इतिहास बनाने मे सफल हो गई। 

उन्होंने कहा कि यह संभव है कि इमाम ज़माना (अ.त.फ़.श.) की सरकार में भी विभिन्न राष्ट्रीयताओं की सेनाएँ हों, लेकिन उनके दिलों में विश्वास की रोशनी होगी और इसीलिए वे विश्व सरकार बनाने के लिए आवश्यक कार्यों में सहयोग करते हैं। ।

ईरानी वक्ता (खतीब) ने कहा कि इमाम ज़मान (अ.त.फ़.श.) के प्रकट होने (ज़हूर) का मुद्दा न केवल एक आध्यात्मिक और सिद्धांतवादी मुद्दा है बल्कि एक उद्देश्यपूर्ण और वास्तविक मुद्दा भी है। जब आप ज़हूर करेंगे तो दुनिया में महान परिवर्तन होंगे।

हरम के वक्ता ने कहा कि हज़रत इमाम ज़माना (अ.त.फ़.श.) की सरकार दो हिस्सो मे सम्मिलित होगी, एक यह कि ईश्वर के वली का आदेश है और हम सभी का दायित्व है कि हम उनका पालन करें और दूसरा यह है कि लोगो की जीवन शैली इमाम (अ.स.) की जीवन शैली के अनुसार होगी।

आगे बताते हुए, उन्होंने कहा कि महदवी सरकार में जो मुद्दे महत्वपूर्ण हैं, उनमें समाज की जिम्मेदारियों का ध्यान रखना और समाज के मामलों पर ध्यान देना शामिल है। इस विश्व सरकार में, हर कोई अपने समाज के लिए प्रतिबद्ध है और यही चीज समाज के विकास और प्रगति का कारण बनेगी।

अहलैबेत (अ.स.) की मुसीबत का उल्लेख, हज़रत ज़ैनब (स.अ.) की पुण्यतिथि के अवसर पर नौहा खानी और ज़ियारत-ए-रजब्या का पाठ भी इस शोक सभा के अन्य कार्यक्रम थे।

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