हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, ईद मबअसे रसूले अकरम (स.अ.व.व.) के शुभ अवसर पर हज़रत आयतुल्लाह सुब्हानी के हाथो क़ुम के मदरसे इमाम सादिक (अ.स.) मे लिबासे रूहानियत और सर पर अमाम्ह रखने का एक समारोह का आयोजन किया गया।
रिपोर्ट के अनुसार, यह समारोह, आज सुबह हज़रत आयतुल्लाह सुब्हानी के दरसे खारिज के अंत के बाद स्वच्छता के नियमों और सिद्धांतों का पालन करते हुए आयतुल्लाह सुबहानी के कार्यालय में आयोजित हुआ।
कई धार्मिक छात्रों को औपचारिक रूप से अम्मामा (दस्तार) पहनकर इमाम मेंहदी (अ.स.) के सिपाही के रूप में तैयार किया गया।
यह काबिले बयान है कि मदरसे के उच्च स्तर के पाठ्यक्रमों में उत्तीर्ण होने वाले मदरसे के छात्रों को आध्यात्मिक वस्त्राभूषण पहनने की अनुमति है, जो परंपरागत रूप से किसी भी इमाम या मासूम (अ.स.)के जन्मदिन के मौके पर,हौज़ा इलमिया के मराजाये इकराम या किसी भी दिनी या महान अधिकारी के ज़रिए से पहनाया जाता है। या किसी भी धार्मिक व्यक्ति द्वारा पहना जाता है।