۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
मौलाना

हौज़ा / कुछ दुष्ट तत्वों द्वारा शहर और देश का माहौल खराब करने के षडयंत्र रचे जा रहे हैं, चाहे वह शकील अहमद की शक्ल मे हो जिसने इमामे ज़माना (अ.त.फ.श.) के संबंध मे जिन अभद्र शब्दों का इस्तेमाल किया और मज़हबे शिया इसना अश्री पर निराधार तोहमत लगा कर अपराध किया है । या चाहे धर्मत्यागी वसीम रिज़वी हो यह एक अक्षम्य अपराध है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, मदरसा इमाम रजा (अ.स.) हैदराबाद द्वारा जारी एक निंदात्मक बयान में डेक्कन इंडिया के गुस्ताख़, मौलवी शकील अहमद द्वारा इमाम जमाना (अ.त.फ.श.) के संबंध मे अभद्र शब्दों की कड़ी निंदा करते हुए अक्षम्य अपराध घोषित किया।

निंदा का पूरा पाठ इस प्रकार है;

बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्राहीम
اِنَّ الَّذِیۡنَ یُؤۡذُوۡنَ اللّٰہَ وَ رَسُوۡلَهُ لَعَنَهُمُ اللّٰہُ فِی الدُّنۡیَا وَ الۡاٰخِرَۃِ وَ اَعَدَّ لَهُمۡ عَذَابًا مُّهِیۡنًا
जो लोग अल्लाह और उसके रसूल (स.अ.व.व.) को सताते हैं, वे इस लोक और परलोक में अल्लाह द्वारा शापित हैं, और उसने उनके लिए दर्दनाक यातना तैयार की है।

जैसा कि विश्वासियों को पता है कि हाल के दिनों में कुछ दुष्ट तत्वों द्वारा शहर और देश का माहौल खराब करने के षडयंत्र रचे जा रहे हैं, चाहे वह शकील अहमद की शक्ल मे हो जिसने इमामे ज़माना (अ.त.फ.श.) के संबंध मे जिन अभद्र शब्दों का इस्तेमाल किया और मज़हबे शिया इसना अश्री पर निराधार तोहमत लगा कर अपराध किया है । या चाहे धर्मत्यागी वसीम रिज़वी हो यह एक अक्षम्य अपराध है।

इससे पहले भी शापित वसीम ने पवित्र कुरान और पवित्र पैगंबर (स.अ.व.व.) के सम्मान का अपमान किया था जिसके कारण वह धर्मत्यागी हो गया था। इस संबंध में एक विरोध सभा आयोजित की गई। जब कभी इस प्रकार के दुखदाई घटनाए होती है तो मदरसा के प्रधानाध्यक की अध्यक्षता मदरसा की ओर से पवित्र कुरान और अहलेबैत (अ.स.) के विरोधीयो की मेहराब और मिंबार से कड़ी निंदा की जाती है।

हम अल्लाह के दरबार मे दुआ करते है कि इस्लाम को सरबुलंदी अता करे कुरान और अहलेबैत (अ.स.) के दुश्मनो को दंडित करे और सभी विश्वासियों और मुसलमानों को ऐसे लोगों की बुराइयों से बचाए।

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