हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, उलेमा ख़ुत्बा मुंबई ने पवित्र कुरान के सम्मान के खिलाफ ईश निंदा की कड़ी निंदा की और कहा कि तथाकथित मुस्लिम वसीम रिजवी दुश्मनों के लाभ के लिए इस तरह के बयान दे रहा है। इस तरह के बयान की कड़ी निंदा की जाती है।
बयान का पूरा पाठ इस प्रकार है:
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
वाबिल हक़्क़े अनज़लनाहो वाबिल हक़्क़े नज़ल
वसीम रिजवी का बयान सोशल मीडिया के माध्यम से आम हो गया है जिसमें वह अदालत से पवित्र कुरान के कुछ छंदों (आयतो) को हटाने की मांग कर रहा हैं। और वह कहता है कि ये छंद हैं जिन्हें कुरान में शामिल किया गया है, ईश्वरीय शब्द नहीं है।
गैर-मुस्लिम वर्ग द्वारा ऐसी बातें पहले भी कही जा चुकी हैं जिनकी इस्लामी दुनिया ने आलोचना की है और आज जब एक तथाकथित मुस्लिम एक मुस्लिम के रूप में इस्लाम के दुश्मनों को लाभान्वित करना चाहता है। इस प्रकार के बयान की पहले भी कड़ी निंदी की जा चुकी है।
पूरे इस्लामी जगत को सूचित किया जा रहा है कि जिस तरह इस आदमी ने अतीत में गंदी विचारधारा को दिखाया था वह उसकी व्यक्तिगत विचारधारा थी और शिया जगत द्वारा उसकी कड़ी निंदा की गई थी, इसलिए यह आज भी देखा जा रहा है कि तहरीफ-ए कुरान का विचार उसका व्यक्तिगत विचार और इस्लाम के दुश्मन जो उसके आक़ा (स्वामी) है उन्हे खुश करने के लिए है। इसका शिया धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। पूरे इस्लामी जगत से इसकी निंदा करने की मांग करते हुए कुरआन के संबंध मे शिया विचारधारा को भी स्पष्ट करता हूं। शिया कुरान की विकृति (तहरीफ) में विश्वास नहीं करते हैं और जो लोग कुरान की विकृति में विश्वास करते हैं उनका विरोध किया गया और वे विरोध में रहेंगे।
मुतजम-ए-उलेमा खुत्बा मुम्बई, हिंदुस्तान
26 / रजबुल मुरज्जब 1442
12 मार्च, 2021