हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयय्द अली ख़ामनेई ने नमाज़ में कवायेदे तजवीद की रियायत
करने के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में कुछ इस प्रकार बयान करते हैं। यह मसले हम यहां पर उन लोगों के लिए बयान रखते हैं जो दीनी मामेलात में दिलचश्पी रखते हैं।
इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता से पूछे गए सवाल का जवाब कुछ इस प्रकार है:
सवाल:
क्या नमाज़ के सूरह हमद पढ़ते वक्त तजवीद की रियायत ज़रूरी है?
जवाब: कराअत के सही होने का मेयार शब्दों के मखारिज को दुरुस्त अदा करना और हकाते सकनात को इस तरह अदा करना कि अरब अहले ज़बान इसे दुरुस्त करार दे( यानी अहले ज़बान के नज़दीक वह दुरुस्त हो)और तज़वीद की खूबसूरतीयों की नमाज़ में रियायत करना ज़रूरी है।