हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, आयतुल्लाहिल उज़्मा वहीद खुरासानी ने कोरोना के दिनों में मजालिस में शिरकत करने के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब दिया है। हम यहां उन लोगों के लिए उसका उल्लेख कर रहे हैं जो शरिया मुद्दों में रुचि रखते हैं।
इस मुद्दे के संबंध में आयतुल्लाहिल उज़्मा वहीद खुरासानी से पूछे गए प्रश्न का पाठ और उनका उत्तर इस प्रकार है:
सवाल:
मरजा ए आली क़द्र आयतुल्लाहिल उज़्मा वहीद खुरासानी (मद्दा ज़िल्लाहुल आली)
मुहर्रम के दिनों में कोरोना रोग की उपस्थिति में अज़ादारी ए सैय्यदुश्शोहदा (अ.स.) और अहलेबैत (अ.स.) के अन्य सभी अवसरों के लिए अज़ादारी के संचालन के संबंध में हमारी क्या जिम्मेदारी है?
जवाब:
अहलेबैत (अ.स.) के संस्कार, विशेष रूप से अज़ादारी ए सैय्यदुश्शोहदा (अ.स.) बंद नही होना चाहिए, लेकिन हिफ़ज़ाने सेहत के सिद्धांतों का पालन करना और इस संबंध में विशेषज्ञों के निर्देशों का पालन करना आवश्यक है।