۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई

हौज़ा / ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उजमा सैयद अली खामेनेई ने बल देकर कहा कि मतदान में सभी भाग लें, चुनाव को अपना समझें कि यह वास्तव में आपका ही है, ईश्वर से मदद और मार्गदर्शन की प्रार्थना कीजिए और जिस उम्मीदवार को आप अच्छा व योग्य समझें उसे ही जा कर वोट दें। आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने कहा कि पिछले 42 साल से दुश्मनों के कुप्रचार का एजेंडा यह रहा है कि वे चुनाव से पहले यह कहते हैं कि जनता भाग नहीं लेगी और जब जनता भाग लेती है तो कहते हैं कि चुनाव में धांधली हुई है और निर्वाचित राष्ट्रपति के बारे में कहते हैं कि उसके पास कोई अधिकार ही नहीं है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट अनुसार, आज आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने गुरुवार को देश के संसद सभापति और सांसदों को वीडियो लिंक के माध्यम से संबोधित करते हुए चुनाव के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातों का उल्लेख किया। उन्होंने प्रत्याशीयो के चुनावी कार्यक्रमों में जनता की आर्थिक समस्याओं के संबंध में सच्चे समाधान पेश किए जाने को, चुनावों में जनता की भागीदारी की भावना में वृद्धि का कारण बताया। इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता ने चुनावी प्रतिस्पर्धाओं में उचित व अनुचित बातों का उल्लेख करते हुए कहा कि चुनाव का प्रभाव बरसों लोगों के जीवन पर छाया डालेगा और उम्मीद है कि 18 जून को होने वाला चुनाव, दुश्मनों की इच्छा के विपरीत ईरान की इज़्ज़त, सम्मान और गर्व का कारण बनेगा।

उन्होंने संविधान की निरीक्षक परिषद या गार्जियन काउन्सिल की ओर से राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवारों की योग्यता की पुष्टि की तरफ़ इशारा करते हुए कहा कि जिन लोगों ने भी ज़िम्मेदारी का आभास करते हुए चुनाव के लिए नामांकन किया था, मैं उनका शुक्रिया अदा करना ज़रूरी समझता हूं और इसी तरह जिन लोगों की योग्यता की पुष्टि नहीं हुई और उन्होंने विनम्रता के साथ उसे स्वीकार किया और जनता को चुनाव में भाग लेने का निमंत्रण दिया, उनका दोहरा शुक्रिया अदा करता हूं।

उन्होंने अपने संबोधन में ईरानी राष्ट्र से कहा कि उन लोगों की बातों को महत्व न दीजिए जो इस बात का प्रचार कर रहे हैं कि वोट न दीजिए, हम वोट नहीं देंगे, इसका कोई फ़ायदा नहीं है, वग़ैरा वग़ैरा, ये लोग जनता के हमदर्द नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मैं प्रिय जनता से कहना चाहता हूं कि चुनाव एक दिन में होता है लेकिन उसका प्रभाव कई साल तक बाक़ी रहता है।

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने बल देकर कहा कि मतदान में सभी भाग लें, चुनाव को अपना समझें कि यह वास्तव में आपका ही है, ईश्वर से मदद और मार्गदर्शन की प्रार्थना कीजिए और जिस उम्मीदवार को आप अच्छा व योग्य समझें उसे ही जा कर वोट दें। आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने कहा कि पिछले 42 साल से दुश्मनों के कुप्रचार का एजेंडा यह रहा है कि वे चुनाव से पहले यह कहते हैं कि जनता भाग नहीं लेगी और जब जनता भाग लेती है तो कहते हैं कि चुनाव में धांधली हुई है और निर्वाचित राष्ट्रपति के बारे में कहते हैं कि उसके पास कोई अधिकार ही नहीं है।

उन्होंने कहा कि इतनी दुश्मनी और कुप्रचार के बावजूद, सभी की ज़िम्मेदारी यह है कि उनका जो धार्मिक कर्तव्य है और ईश्वर की जो मर्ज़ी है, उसके अनुसार अपनी ज़िम्मेदारी पूरी करें। इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता के इस वर्चुअल भाषण से पहले संसद सभापति मुहम्मद बाक़िर क़ालीबाफ़ ने 11वीं संसद के एक साल के कार्यकाल का लेखा-जोखा पेश किया।

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