۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
अल्लामा नुसरत अब्बास बुखारी

हौज़ा / कर्बला इंसान की फिक्र को उरूज बख्श्ती है, कर्बला का प्रभाव यह है कि यह लगातार फैल रही है, हमें यह सबक सीखने और इसे अपने जीवन में लागू करने की आवश्यकता है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, इमामिया स्टूडैंट्स आर्गेनाइज़ेशन मुल्तान डिवीजन "नश्तर मेडिकल यूनिवर्सिटी यूनिट" के तत्वावधान 49वां वार्षिक "यौमे हुसैन" सम्मेलन अस्मबली हॉल मे आयोजित किया गया, कोरोना कॉल को ध्यान मे रखते हुए प्रतिभागीयो की संख्या सीमित रखी गई जिसके बाद बड़ी संख्या में छात्रों और डॉक्टरों ने भाग लिया। सम्मेलन की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ राणा अल्ताफ हुसैन ने की।

हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन अल्लामा नुसरत अब्बास बुखारी ने विशेष रूप से सम्मेलन में भाग लिया और प्रतिभागियों को संबोधित किया। इस मौके पर कुलपति प्रो. राणा अल्ताफ अहमद समेत अन्य शिक्षकों ने भी सम्मेलन को संबोधित किया।  सम्मेलन में डॉ. अब्बास नकवी, डॉ. फौजिया जफर, डॉ. मुहम्मद सज्जाद रजा सहित बड़ी संख्या में शिक्षकों, छात्रों ने भाग लिया। छात्रों ने इमाम हुसैन (अ.स.) की खिदमत मे नजराना ए अक़ीदत पेश किया।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए अल्लामा नुसरत बुखारी ने कहा कि कर्बला इंसान की फिक्र को उरूज बख्श्ती है, कर्बला का प्रभाव यह है कि यह लगातार फैल रही है, हमें यह सबक सीखने और इसे अपने जीवन में लागू करने की आवश्यकता है।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए कुलपति डॉ राणा अल्ताफ ने कहा कि अशूरा इस्लाम को नई ताजगी देता है, सम्मेलन के आयोजकों को धन्यवाद दिया और अल्लामा नुसरत बुखारी, कर्बला क़ुरबानी सिखाती है, कर्बला सच्चाई का पालन करना सिखाती है। हां, हमें अपने दैनिक जीवन में कर्बला का पालन करने की आवश्यकता है। सम्मेलन में आईएसओ मुल्तान के मंडल अध्यक्ष तकलीन जफर भी मौजूद थे।

सम्मेलन के दौरान कोरोना एसओपी को ध्यान में रखते हुए मास्क, सैनिटाइजर और सामाजिक दूरी का उपयोग सुनिश्चित किया गया। सम्मेलन के अंत में प्रतिभागियों के बीच मानद प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए।

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