हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, मेरे मुरब्बी सरबराहे तहरीके दींदारी ख़तीबे आज़म बानी तन्ज़ीम मौलाना सैयद ग़ुलाम अस्करी र०अ० की अहलिया मेरी बड़ी मोमानी आबेदा ज़ाहेदा ज़ायेरा हाजिया सादगी का पैकर अज़ादार व मातमदार की तबीअत काफी नासाज़ है, अस्पताल में ऐडमिट हैं, ख़ून चढ़ा है जिसका शरफ उनके एक पोते को मिला!
अगरचे आप एक ख़ातूने ख़ाना हैं लेकिन तहरीके दींदारी और क़ेयामे तन्ज़ीमुल मकातिब में ख़तीबे आज़म की हमराही आप का नुमायां किरदार है, जहाँ आप मेरी मेहरबान मोमानी हैं वहीं ख़ानदान की बुज़ुर्ग भी हैं!
मालिक की बारगाह में दुआ है कि मोमानी जान को सेहते कामेला, शेफाए आजेला और तूले उम्र अता फरमाए!
उलमाए आलाम, दानिशवराने ज़िल एहतेराम, मोमनीने केराम, अइज़्ज़ा व अक़ारिब, वाबस्तगाने इदारा और फरज़ंदाने तन्ज़ीम से दुआए सेहत की गुज़ारिश है!
मुलतमिसे दुआ
सैयद सफी हैदर ज़ैदी