हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट अनुसार, मौलाना सैयद रज़ी ने सभी मोमेनीन, उलेमा, छात्रों, मित्रों और रिश्तेदारों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मै आप सभी का आभारी हूं कि आप सभी अपने प्यारे भाई मौलाना जीशान नकवी साहब के स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। मौलाना अभी भी मुरादाबाद अस्पताल में आईसीयू में भर्ती है।
मौलाना रज़ी जैदी ने एक ख़ास ज़िक्र की ओर इशारा करते हुए कहा:
बहुत से ऐसे ज़िक्र हैं जिनका रहस्यवाद (आलमे इरफान) और इबादत की दुनिया में एक विशेष स्थान है। उन्ही ज़िक्रो मे से एक ज़िक्र یا كاشِفَ الْكَرْبِ عَنْ وَجْهِ الْحُسَیْنِ اِكْشِفْ كَرْبى بِحَقِ اَخْیكَ الْحُسَیْنِ علیہ السلام" या काशेफल करबे अन वज्हिल हुसैने इकशिफ करबी बेहक़्क़े अख़ीकल हुसैने अलैहिस्सलाम है जिसको एक ख़ास महत्व हासिल है।
इस ज़िक्र और दुआ के बारे में आयतुल्लाह कश्मीरी कहते हैं:
सबसे पहले पहले दो रकअत नमाज़े हाजत पढ़कर हजरत अब्बास (अ.स.) को हदया करें फिर उसके बाद तसबीहे हज़रत फ़ात्मा ज़हरा (स.अ.) पढ़ कर उसका सवाब हज़रत अब्बास (अ.स.) हदिया करे उसके बाद 133 बार इस ज़िक्र یا كاشِفَ الْكَرْبِ عَنْ وَجْهِ الْحُسَیْنِ اِكْشِفْ كَرْبى بِحَقِ اَخْیكَ الْحُسَیْنِ علیہ السلام" या काशेफल करबे अन वज्हिल हुसैने इकशिफ करबी बेहक़्क़े अख़ीकल हुसैने अलैहिस्सलाम का विरद करें। इंशाअल्लाह आंहज़रत के सदक़े मे ज़िक्र पढ़ने वाले की मुशकिलात हल करेगा।
मेरी गुजारिश है मेरी उन सभी मोमेनीन और मोमेनात जो बीमार है ख़ास तौर से मौलाना ज़ीशान हैदर नक़वी के लिए कम से कम केवल तीन बार इस ज़िक्र की तिलावत फरमाकर दुआ फरमादीजिए अल्लाह आपके इस ज़िक्र की तिलावत के तवस्सुल से मौलाना सैयद ज़ीशान हैदर नक़वी अमरोहवी साहब को शिफाए कामिल वा आजिल अता फरमाए।
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19 जून 2021 - 16:40
हौज़ा / दिल्ली निवासी मौलाना सैयद रज़ी जै़दी फंदेड़वी ने कहा कि मौलाना सैयद जीशान हैदर नकवी साहब अमरोहवी की सेहत पहले से बेहतर है और अधिक दुआ की अपील है।