हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को " नहजुल बलाग़ा" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامیر المومنین علیہ السلام
اَلاْنَ فَاعْمَلُوا، وَ الْأَلْسُنُ مُطْلَقَةٌ، وَ الْأَبْدَانُ صَحِيحَةٌ، وَ الْأَعْضَاءُ لَدْنَةٌ، وَ الْمُنْقَلَبُ فَسِيحٌ، وَ الْمَجَالُ عَريضٌ
हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
अल्लाह के बंदों!आमाले नेक बजा लाओ, अभी जब कि ज़बानों के लिए कोई रुकावट नही,शरीर स्वस्थ है और अंग लचीले हैं ( कि जो चाहो उन से काम ले सकते हो)अमल का मैदान खुला हुआ है,आने जाने की जगह खुली और मैदान है, इससे पहले कि मौका हाथ से निकल जाएं और मौत टूट पड़े अपने लिए मौत को यह समझो कि वह आ चुकी उसका इंतेज़ार ना करो कि वह आएगी,
नहजुल बलाग़ा,