हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "ग़ेरारुल हेकम वा दरारुल कलम" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال الامام العلی علیه السلام:
مَن تَسَلّي بِالكُتبُ لَم تَفُتهُ سَلوَةٌ
हज़रत इमाम अली (अ.स.) ने फरमायाः
जिसे किताब पढ़ने में सुकून मिलता है, उसे लगता है कि उसने कोई भी सुकून अपने हाथ से जाने नहीं दिया है।
ग़ेरारुल हेकम वा दरारुल कलम, हदीस 8126
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