۱۱ تیر ۱۴۰۳ |۲۴ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 1, 2024
मौलाना कल्बे रुशैद रिजवी

हौज़ा / मौलाना ने आलमी मंजर नामे पर इमाम हुसैन (अ.स.) की शहादत के प्रभाव का उल्लेख किया और विशेष रूप से अपने देश भारत के इमाम हुसैन के प्रति गैर-शिया अज़ादारी और भक्ति की सराहना की और कहा कि भारत के हिंदू भाई इमाम के नक्शेकदम पर चलने को मानवीय कर्तव्य कहते है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, हरम ए मासूमा ए क़ुम मस्जिद-ए आज़म में अंजुमन खादिम हुसैन की ओर से अशरा ए मजालिस को संबोधित करते हुए भारत से आए सुप्रसिद्ध इस्लामी विद्वान हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन मौलाना सैयद कल्बे रुशैद रिजवी ने हुज्जते खुदा के विषय पर चर्चा की।

मौलाना ने हुज्जत खुदा के तकवीनी और तशरीई अधिकार की व्याख्या करते हुए कहा कि अम्बिया ए इकराम को हक पर चलने का आदेश दिया गया है, लेकिन खुद हक़ को हुज्जत खुदा का अनुसरण करने का आदेश दिया गया है।

मौलाना ने आलमी मंजर नामे पर इमाम हुसैन (अ.स.) की शहादत के प्रभाव का उल्लेख किया और विशेष रूप से अपने देश भारत के इमाम हुसैन के प्रति गैर-शिया अज़ादारी और भक्ति की सराहना की और कहा कि भारत के हिंदू भाई इमाम के नक्शेकदम पर चलने को मानवीय कर्तव्य कहते है।

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