हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "बिहरूल अनवार" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام العسکری علیہ السلام
ادْفَعِ اَلْمَسْأَلَةَ مَا وَجَدْتَ اَلتَّحَمُّلَ يُمْكِنُكَ فَإِنَّ لِكُلِّ يَوْمٍ رِزْقاً جَدِيداً
हज़रत इमाम हसन असगरी अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
जब तक सब्र कर सकते हो किसी के सामने हाथ मत फैलाओ क्योंकि (अल्लाह तआला की तरफ से) हर दिन नई रोज़ी तक्सीम होती है।
बिहरूल अनवार,भाग 90,पेंज 372