हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "वसाएलुश्शिया" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال رسول الله صلى الله عليه و آله وسلم:
أَلشِّتـاءُ رَبيـعُ الْمُـؤمِنِ يَطُولُ فيهِ لَيْلُهُ فَيَسْتَعينُ بِهِ عَلى قِيامِهِ وَ يَقْصُرُ فيهِ نَهارُهُ فَيَسْتَعينُ بِهِ عَلى صِيامِهِ
पैगंबरे अकरम (स.अ.व.व.) ने फ़रमाया:
सर्दी मोमिन की बहार है। वह सर्दीयो की लंबी रातों में इबादत करता है और उसके छोटे दिनों में रोज़ा रखता है (इस प्रकार सर्दी का अधिकतम लाभ उठाता है)।
वसाएलुश्शिया: खंड 7, पृष्ठ 302, हदीस 3