۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
दिन की हदीस

हौज़ा / हज़रत इमाम अली (अ.स.) ने एक रिवायत में परहेज़गारो के मूल्यवान कर्मों की ओर इशारा किया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, निम्नलिखित कथन को " वसाएलुश्शिया" पुस्तक से बयान किया जा रहा है।इस कथन का पाठ इस प्रकार है।

قال الامام علی علیه السلام

قـَضـاءُ حـُقـوُقِ الاِْخـَوانِ اَشـْرَفُ اَعـْمـالِ الْمـُتَّقـینَ؛ یَسْتَجْلِبُ مَوَدَّةَ الْمَلائِکَةِ الْمُقَرَّبینَ وَ شَوْقَ الْحوُرِ الْعینِ.

क़ाला अल इमामो अली अलैहिस्सलामः

क़ज़ाओ ह़ुकूक़िल इख़वाने अशरफ़ो आमालिल मुत्ताक़ीना, यसतजलेबो मवद्दतल मलाएकतिल मुक़र्रबीना वा शौक़ल हूरिलईने।

हज़रत इमाम अली (अ.स.) ने फरमाया:

मोमिन भाइयों के अधिकारों का भुगतान करना परहेज़गार लोगों के सबसे मूल्यवान कार्यों में से एक है। इस प्रकार का काम अल्लाह के करीबी स्वर्गदूतों (फरिश़्तो) के साथ दोस्ती और जन्नत की खूबसूरत कन्याओ  (हुरुलईन) का ध्यान आकर्षित करता है।

वसाएलुश्शियाः भाग 11, पेंज 473

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