हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को " तोहफुल ओकूल" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
قال الامام الحسن عليه السلام
إنَّ اللّه َ جَعَلَ شَهرَ رَمضانَ مِضمارا لِخَلقِهِ فَیستَبِقونَ فیهِ بِطاعَتِهِ إلی مَرضاتِهِ.
हज़रत इमाम हसन (अ.स.) ने फरमाया:
अल्लाह तआला ने माहें रमज़ान को अपने बंदों के लिए मुकाबले का मैदान करार दिया है, ताकि वह अल्लाह तआला की खुशनुदी हासिल करने के लिए उसकी इताअत में एक दूसरे से सबक़त हासिल करें।
तोहफुल ओकूल, पेंज 236