۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
हिजाब

हौज़ा/कर्नाटक के स्कूलों के इस रवैये को लेकर देश के सभी लोकतांत्रिक हलकों में अशांति है और देश में अल्पसंख्यकों की उनके मूल अधिकारों और पहचान के प्रति चिंता बढ़ गई हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,मीडिया रिपोर्टों से मालूम हुआ कि कर्नाटक के सरकारी स्कूलों में देश के धर्मनिरपेक्ष संविधान से आँखे मूंदते हुए उन मुस्लिम बेटियों से जो पूर्वी सभ्यता और हिजाब की पाबंद थीं। स्कूल में हिजाब पहन कर आने का मौलिक और संवैधानिक अधिकार उनसे छीन लिया गया है। और यह देश के संविधान में खुला हस्तक्षेप है।

कर्नाटक स्कूलों की इस मनमानी पर देश के सभी लोकतांत्रिक हल्क़ों में चिंता पाई जाती है। और देश में अल्पसंख्यक अपने मौलिक अधिकारों और पहचान के बारे में जो चिंतित हैं उसमें बढ़ोतरी हुई है।

"शिया उलामा एसमबली हिंदुस्तान" भी कर्नाटक स्कूलों के इस असंवैधानिक कार्य और आम नागरिकों के मौलिक अधिकारों के हनन पर चिंतित है। और इसकी कड़े शब्दों में निन्दा करते हुए कर्नाटक सरकार से मांग करती है कि फ़ौरी तौर पर बेटियों को स्कूलों में हिजाब पहन कर आने की अनुमति दी जाए।

हम लोकतंत्र समर्थकों और संविधान में आस्था रखने वाले लोगों और संस्थानों से भी अपील करते हैं कि वह इस मसले में हस्तक्षेप करें।

शिया उलेमा एसमबली हिंदुस्तान
6 फ़रवरी 2022, दिन इतवार
4 रजब 1443 हिज़री

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