हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को " बिहरूल अनवार" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
قال رسول اللہ صلى الله عليه وآله وسلم
إذا خَرَجَ أحَدُكُم إلى سَفَرٍ ثُمّ قَدِمَ على أهلِهِ فَلْيُهدِهِم و لْيُطرِفهُم و لو حِجارةً
हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने फरमाया:
जब भी तुम में से कोई यात्रा पर जाए तो वह वापसी पर अपने परिवार वालों के लिए उपहार लेकर आए
भले ही वह पत्थर का टुकड़ा ही क्यों न हो।
बिहरूल अनवार,2/283/76