۱۵ تیر ۱۴۰۳ |۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 5, 2024
रमज़ान की पहली दुआ

हौज़ा/ हज़रत इमाम हसन अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में दुआ के यकीनी कुबूल होने के राहे हाल की ओर इशारा किया हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "अलकाफी " पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:

:قال الامام المجتبیٰ علیه السلام

اَنَا الضّامِنُ لِمَنْ لَمْ‏ يَهْجُسْ فى قَلْبِهِ اِلاَّ الرِّضا اَنْ يَدْعُوَ اللّه‏َ فَيُسْتَجابَ لَهُ


हज़रत इमाम हसन अलैहिस्सलाम ने फरमाया:


जिसके दिल में अल्लाह तआला की रज़ा के सिवा कुछ ना हो तो मैं ज़मानत देता हूं कि अल्लाह तआला उसकी दुआ ज़रूर कबूल करेगा,
अलकाफी,भाग 2,पेंज 62,हदीस नं 11

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