हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "अलकाफी " पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال امیرالمومنین علیہ السلام
فيوَصِيَّتِهِ قَبلَ شَهادَتِهِ ـ : اللّه َاللّه َ في الأيتامِ ، فلا تُغِبُّوا حديث أفواهَهُم ، ولا يَضِيعوا بحَضرَتِكُم ، فقد سَمِعتُ رسولَ اللّه ِ صلى الله عليه و آله يَقولُ : مَن عالَ يَتيما حتّى يَستَغنِيَ أوجَبَ اللّه ُ عَزَّوجلَّ لَهُ بذلكَ الجَنَّةَ كما أوجَبَ لآكِلِ مالِ اليَتيمِ النّارَ . حديث
हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
यतीमों के बारे में अल्लाह से डरो, ऐसा ना हो कि एक दिन उन्हें खाना दो और एक दिन वह भूखे रहे ,
और सावधान रहों कि वे आपकी उपस्थिति में खो न जाएं क्योंकि मैंने रसूल अल्लाह स.ल.व.व. से सुना हैं,जो कोई भी अनाथों की देखभाल करेगा यहां तक कि वह बेनियाज़ हो जाए तो अल्लाह तआला उसके लिए इस काम की वजह से इस पर जन्नत वाजिब करार देता हैं। और अनाथो का माल खाने वाले पर जहन्नम को वाजिब करार देता हैं।
अलकाफी, 7/15/7