हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "अलकाफी " पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام المجتبیٰ علیه السلام
اَنَا الضّامِنُ لِمَنْ لَمْ يَهْجُسْ فى قَلْبِهِ اِلاَّ الرِّضا اَنْ يَدْعُوَ اللّهَ فَيُسْتَجابَ لَهُ
हज़रत इमाम हसन अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
जिसके दिल में अल्लाह तआला की रज़ा के सिवा कुछ ना हो तो मैं ज़मानत देता हूं कि अल्लाह तआला उसकी दुआ ज़रूर कबूल करेगा,
अलकाफी,भाग 2,पेंज 62,हदीस नं 11