हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "कश्फुल ग़ुम्मा" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام السجاد علیه السلام
اِيـّاكَ وَالاِْبْتـِهاجَ بالِذَّنْبِ، فاِنَّ الاِْبْتِهاجَ بِهِ اَعْظَمُ مِنْ ركُوُبِهِ
हज़रत इमाम सज्जाद अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
जो गुनाह तुमने अंजाम दिया है,कहीं उस पर खुश ना होना क्योंकि उस गुनाह पर खुशी का इज़हार उस गुनाह से भी बड़ा अमल हैं।
कश्फुल ग़ुम्मा, भाग 2,पेंज 108