बुधवार 31 दिसंबर 2025 - 06:12
किसी के बुरे काम को अच्छा कहने के नतीजा

हौज़ा / इमाम जवाद (अ) ने एक रिवायत में दूसरों के गुनाहों को अच्छा समझने की बुराई की ओर इशारा किया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह रिवायत "कश्फ़ उल ग़ुम्मा" किताब से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

قال الامام الجواد عليه السلام:

مَنِ استَحسَنَ قَبيحا كانَ شَريكا فيهِ

हज़रत इमाम तक़ी (अ) ने फ़रमाया:

जो कोई किसी बुरी चीज़ को अच्छा समझता है, वह भी उसमें हिस्सेदार है।

कश्फ़ उल ग़ुम्मा, भाग 2, पेज 349

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