हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह रिवायत "कश्फ़ उल ग़ुम्मा" किताब से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال الامام الجواد عليه السلام:
مَنِ استَحسَنَ قَبيحا كانَ شَريكا فيهِ
हज़रत इमाम तक़ी (अ) ने फ़रमाया:
जो कोई किसी बुरी चीज़ को अच्छा समझता है, वह भी उसमें हिस्सेदार है।
कश्फ़ उल ग़ुम्मा, भाग 2, पेज 349
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