हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "तोहफ ए ओकूल" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الرضا علیه السلام
لا يَسْتَكْمِلُ عَبْدٌ حَقيقَةَ الايمـانِ حَتّى تَكُونَ فيهِ خِصالٌ
ثـَلاثٌ: اَلتـَفـَقـُّهُ فى الدينِ، وَ حُسْنُ التَّقْديرِ فِى الْمَعيشَةِ وَالصَّبْرُ عَـلَى الرَّزايا
हजरत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
कोई भी आदमी उस वक्त तक कमालें हक़ीकी तक नहीं पहुंचता जब तक उसमें तीन खुसूसियत मौजूद ना हो:दीन को पहचानता हो,जिंदगी में मुअय्यान प्रोग्राम रखता हो,और मुसीबत और मुश्किलात में सब्र
तोहफ ए ओकूल,336