۱۱ تیر ۱۴۰۳ |۲۴ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 1, 2024
दिन की हदीस

हौज़ा / हज़रत इमाम जवाद (अ.स.) ने एक रिवायत में एक काम को अंजाम देने पर इंसान के राज़ी होने या ना होने के असर की तरफ इशारा किया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को
" तोहफ ए ओकूल" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:


:قال الامام الجواد علیہ السلام

مَن شَهِدَ أمرا فَكَرِهَهُ كانَ كَمَن غابَ عَنهُ ومَن غابَ عَن أمرٍ فَرَضِيَهُ كانَ كَمَن شَهِدَهُ


हज़रत इमाम जवाद (अ.स.) ने फरमाया:
अगर कोई किसी काम में हाज़िर व नाज़िर हो, लेकिन वह इसे पसंद ना करता हो तो वह इस शख्स की तरह है, जो इस काम को अंजाम दिए जाते वक्त गायब हो,और अगर कोई किसी काम को पसंद करता हो लेकिन इसे अंजाम देते वक्त वहां मौजूद ना हो तो वह इस शख्स की तरह है कि जो उस काम को अंजाम देते वक्त वहां मौजूद हो.


मुंतखाब तोहफ ए ओकूल,पेंज 63

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