रविवार 19 जून 2022 - 19:10
  शरई अहकाम । बीमार आदमी की रोज़ों की कज़ा

हौज़ा/अगर उसकी बीमारी अगले माहे रमज़ान तक जारी रहती है तो रोज़ा साक़ित हैं, लेकिन उनके माल से (750 ग्राम) प्रति दिन फ़कीर को दिया जाएगा।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,रोजों के बारे में किए गए सवाल का उत्तर:


सवाल:एक महिला एक गंभीर बीमारी के कारण रोज़ा और उसकी क़ज़ा नहीं रख सकती, क्या उसके बड़े बेटे पर वाजिब है कि इन रोज़ों कि कज़ा अंज़ाम दें?


उत्तर: अगर उसकी बीमारी अगले माहे रमज़ान तक जारी रहती है तो रोज़ा साक़ित हैं, लेकिन उनके माल से (750 ग्राम) प्रति दिन फ़कीर को दिया जाएगा।

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