हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,रोजों के बारे में किए गए सवाल का उत्तर:
सवाल:एक महिला एक गंभीर बीमारी के कारण रोज़ा और उसकी क़ज़ा नहीं रख सकती, क्या उसके बड़े बेटे पर वाजिब है कि इन रोज़ों कि कज़ा अंज़ाम दें?
उत्तर: अगर उसकी बीमारी अगले माहे रमज़ान तक जारी रहती है तो रोज़ा साक़ित हैं, लेकिन उनके माल से (750 ग्राम) प्रति दिन फ़कीर को दिया जाएगा।