हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, इस रिवायत को "बिहारूल अनवार" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام السجاد علیه السلام
و أمّا حَقُّ الزَّوجَةِ فَأن تَعلَمَ أنَّ اللَّهَ جَعَلَها لكَ سَكَنَاً واُنساً ، فَتَعلَمَ أنَّ ذلِكَ نِعمَةٌ مِنَ اللَّهِ عَلَيكَ فَتُكرِمَها و تَرفُقَ بِها
हज़रत इमाम सज्जाद अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया:
औरतों का हक़ (अधिकार) यह है कि तुम्हें मालूम होना चाहिए कि अल्लाह तआला ने इसे तुम्हारे लिए सुकून और मोहब्बत का ज़रिया करार दिया हैं,और तुम्हें जानना चाहिए यह वह नेमत है जो अल्लाह तआला ने तुम्हें अता की है बस इसलिए इसका एहतराम (सम्मान) करो और इसके साथ विनम्रता से पेश आओ।
बिहारूल अनवार,भाग 74,पेंज 5