हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "बिहारूल अनवार " पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال رسول الله صلی الله علیه وآله وسلم
أَيْنَ مِثْلُ خَدِيجَةَ صَدَّقَتْنِي حِينَ كَذَّبَنِي النَّاسُ وَ وَازَرَتْنِي عَلَى دِينِ اللَّهِ وَ أَعَانَتْنِي عَلَيْهِ بِمَالِهَا إِنَّ اللَّهَ عَزَّ وَ جَلَّ أَمَرَنِي أَنْ أُبَشِّرَ خَدِيجَةَ بِبَيْتٍ فِي الْجَنَّةِ مِنْ قَصَبِ الزُّمُرُّدِ لَا صَخَبَ فِيهِ وَ لَا نَصَب
हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने फरमाया:
खदीजा की तरह कोई नहीं होगा, जब लोग मुझे झुठला रहे थे तो उसने मेरी सच्चाई का इकरार किया और अल्लाह तआला के दीन की तरक्की के लिए अपने माल से मेरी मदद की,अल्लाह तआला ने मुझे आज्ञा दी है कि मैं उन्हें जन्नत में उनके कीमती महल की खुशखबरी दे दूं कि उन्हें इसमें कोई रंज व परेशानी नहीं होगी।
बिहारूल अनवार ,भाग 43,पेंज 131