हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "बिहारूल अनवार" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام السجاد علیه السلام
ما مِن قَطرةٍ أحَبَّ إلى اللّه عز و جل مِن قَطْرَتَينِ: قَطرةُ دَمٍ في سبيلِ اللّه ، و قَطرةُ دَمعَةٍ في سَوادِ اللّيلِ، لا يُريدُ بها عبدٌ إلاّ اللّهَ عز و جل
हज़रत इमाम सज्जाद अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
अल्लाह तआला के नज़दीक ईन दो कतारों से ज़्यादा कोई कतरा प्रिय नहीं हैं (1)एक वह खून का कतरा जो अल्लाह की राह में बहाया जाए (2) एक वह आंसू का कतरा जो रात के पिछले पहर अल्लाह तआला के लिए उसकी इबादत में बहाया जाए
बिहारूल अनवार,69/378/31