हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "बिहारूल अनवार" पुस्तक से लिया गया हैं।इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الصادق علیه السلام
إسماعُ الأصَمِّ مِن غَيرِ تَضَجُّرٍ صَدَقةٌ هَنِيئَةٌ
हज़रत इमाम जाफर सादिक अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
किसी दृष्टिहीन व्यक्ति को बिना किसी नाराज़गी या ना खुशी के इज़हार किए कोई बात समझाना बेहतरीन सदका हैं।
बिहारूल आनवार,1/388/72