हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "मुस्तद्रक अलवसायल" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال رسول الله صلی الله علیه وآله وسلم
للدّابّةِ على صاحِبِها سِتُّ خِصالٍ: يَعْلِفُها إذا نَزلَ ، ويَعْرِضُ علَيها الماءَ إذا مَرَّ بهِ ، ولا يَضْرِبُها إلّا على حقٍّ، ولا يُحَمّلُها ما لا تُطيقُ، و لا يُكلّفُها مِن السَّيرِ إلّا طاقَتَها ، ولا يَقِفُ علَيها فُواقا
हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने फरमाया:
जानवरों के मालिक के ऊपर जन अधिकार है।
(1)जब भी इस पर सवारी करके नीचे उतरे तो इसे चारा दे।
(2) जब भी पानी के पास से गुज़रे तो इसे पानी पिलाए
(3)इसे ना हक ना मारे,
(4) इसकी ताकत से ज़्यादा इस पर सामान ना ला दे।
(5) इसकी हिम्मत और ताकत से ज़्यादा इसे ना चलाएं
(6)ज़्यादा वक्त तक इस पर सवार ना रहे
मुस्तद्रक अलवसायल,8/285/9393