हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , , इस रिवायत को "मुस्तद्रक अलवसाएल"पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الحسین علیه السلام
الْبُکاءُ مِنْ خَشْیَةِ الله نَجاتٌ مِنَ الّنارِ، وَ بُکاءُ الْعُیُونِ، وَ خَشْیَةُ الْقُلُوبِ مِنْ رَحْمَةِ اللهِ
हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
खौफ खुद में गिरिया जहन्नम से निजात का ज़रिया है, और आंखों का रोना और दिल का खौफज़ादा होना रहमते इलाही की अलामत हैं।
मुस्तद्रक अलवसाएल,भाग 11,पेंज 245