हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "अयूनुल अखबार अलरज़ा" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الرضا علیه السلام
اِنَّ زُوّارَ قَبْرى لَأَكْرَمُ الْوُفُودِ عَلَى اللّه ِ يَوْمَ الْقِيامَةِ، وَ ما مِنْ مُؤْمِنٍ يَزُورُنى فَيُصيبُ وَجْهَهُ مِنَ الْماءِ اِلاّ حَرَّمَ اللّه ُ تَعالى جَسَدَهُ عَلَى النـّارِ.
हज़रत इमाम अली रज़ा अ.स.ने फरमाया:
मेरी क़ब्र के ज़ायरीन मोहतरम और मुकर्रम तरीन गिरोहों में से हैं कयामत के दिन खुदा के पास हाज़िर होंगे और कोई मोमिन नहीं है जो मेरी ज़ियारत करें और मेरी ज़ियारत के रास्ते में इसके चेहरे से पानी (पसीना) का कतरा टपके मगर यह की अल्लाह तआला इसके बदन पर दोज़ख की आग को हराम कर देता हैं।
अयूनुल अखबार अलरज़ा,भाग 2,पेंज 248