हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "अलमहासिन" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال رسول الله صلی الله علیه و آله و سلم
لا يَقبَلُ اللّه ُ صلاةَ عَبدٍ لا يَحضُرُ قَلبُهُ مَع بَدَنِهِ.
हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने फरमाया:
अल्लाह तआला उस आदमी की नमाज़ कुबूल नहीं करता जिसमें उसका दिल उसके बदन के साथ ना हो,
अलमहासिन,1/406/921