हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "गेरारूल हिकम" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال امیرالمومنین علیه السلام
عَلى المُتَعَلِّمِ أن يُدئبَ نَفسَهُ في طَلَبِ العِلمِ، و لا يَمَلَّ مِن تَعَلُّمِهِ و لا يَستَكثِرَ ما عَلِمَ
हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
विद्यार्थियों के लिए यह आवश्यक है कि वह ज्ञान प्राप्त करने का प्रयास करे और ज्ञान प्राप्त करने से कभी न थके और यह कभी न सोचें कि उसका ज्ञान बहुत हो गया हैं।
गेरारूल हिकम,6197