۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
تصاویر/ مراسم اجرای سرود " سلام فرمانده " در شهرستان شاهین‌دژ

हौज़ा/सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनई ने कहां, क़ानून पर अमल,अपने हक़ से ज़्यादा की मांग न करना, दूसरों का हक़ न छीनना, वक़्त को अहमियत देना चाहे अपना वक़्त हो या दूसरों का पैसों और कारोबार के सिलसिले में और इन जैसी चीज़ों में क़ानून का पालन, यह सब डिसिप्लिन का हिस्सा हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनई ने कहां,क़ानून पर अमल, भाईचारा और मुरव्वत, अपने हक़ से ज़्यादा की मांग न करना, दूसरों का हक़ न छीनना, वक़्त को अहमियत देना -चाहे अपना वक़्त हो या दूसरों का पैसों और कारोबार के सिलसिले में और इन जैसी चीज़ों में क़ानून का पालन, यह सब डिसिप्लिन का हिस्सा हैं।

अनुशासन (डिसिप्लिन) की एक और अहम मिसाल समाज में हमारी सरगर्मियों और हमारे विचार, अक़ीदे और नारों के बीच समन्वय होना है।

सबसे ख़तरनाक स्थिति यह है कि किसी समाज का नज़रिया और ईमान कुछ हो मगर लेकिन उस नज़रिए और ईमान के मुताबिक़ अमल करने की बात आए तो यहां मुताबिक़त न दिखाई पड़े। इस दोहरी स्थिति से अवामी सतह पर ढोंग वजूद में आता जो बहुत ख़तरनाक चीज़ है।

इमाम ख़ामेनेई,

टैग्स

कमेंट

You are replying to: .