۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
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हौज़ा/राज्य में सार्वजनिक स्थानों से मजारों मस्जिदों को हटाने की मांग वाली याचिक पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्र, यूपी सरकार से जवाब मांगा हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सार्वजनिक स्थानों जैसे रेलवे स्टेशनों, सड़कों, पार्कों, आदि से अनधिकृत मज़ारों और मस्जिदों को हटाने की मांग वाली जनहित याचिका पर भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा हैं।

याचिका में कहा गया है कि सार्वजनिक स्थानों, सार्वजनिक पार्कों और सार्वजनिक उपयोगिता के स्थानों पर मस्जिदों और मजारों के अवैध और अनधिकृत निर्माण के कारण जनता को काफी नुकसान हो रहा हैं।

इस संबंध में याचिका में मथुरा, गाजियाबाद, गोरखपुर, लखनऊ, कानपुर, मुजफ्फरनगर और राज्य के अन्य जिलों का उदाहरण दिया गया है और कहा गया है कि ऐसे जिलों में ऐसे अनधिकृत मजार, मस्जिद हैं।

याचिका में यह भी कहा गया है कि धर्म के नाम पर अवैध और अनधिकृत रूप से अधिक से अधिक भूमि पर कब्जा करने के इरादे से इस तरह की अवैध गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं।
कोर्ट ने कहा,
कई सार्वजनिक स्थानों पर सार्वजनिक पार्कों रास्तों  के बीच सार्वजनिक सड़कों के अंदर, फुटपाथों, सार्वजनिक स्थानों, सार्वजनिक भवनों, रेलवे स्टेशनों, रेलवे में कब्रों मज़ारों दरगाहों का  निर्माण किया जा रहा हैं।


कोर्ट आगे भारत सरकार और राज्य सरकार को अपनी संवैधानिक ज़िम्मेदारियों और कर्तव्यों को निभाने में लापरवाही बरतने के लिए कहा हैं।
याचिका में आगे जोर दिया गया है कि मुस्लिम समुदाय के सदस्यों ने सार्वजनिक भूमि के उल्लेखनीय क्षेत्रों पर कब्जा करने की दृष्टि से कब्रें बनाई हैं और उन भूमि के भीतर मस्जिदों का निर्माण करने की कोशिश कर रहे हैं और उन भूमि को संचयी रूप से परिवर्तित करने की कोशिश कर रहे हैं।

याचिका में कहा गया हैं।
आगे कहा गया है कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को लागू करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।

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