हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,इस्लामी क्रांति के पूर्व वरिष्ठ नेता हज़रत इमाम ख़ुमैनी र.ह.ने फरमाया:घटक देशों ने ईरान पर हमला कर दिया जबकि रज़ा शाह बड़ी बड़ी बातें करता था, उसकी तारीफ़ें की जाती थीं या वो अपनी तारीफ़ करता था और कहता था कि अब ये मुल्क, ऐसा मुल्क है जिस पर हमला करने की किसी में भी ताक़त नहीं हैं।
जब उन्होंने ये देखा कि यह तो सिर्फ़ एक ख़ाली ढोल है, खोखला है तो फिर पहले घोषणापत्र के बाद दूसरे की बारी ही नहीं आई!
रज़ा शाह के ज़माने में क़ौम के पास कुछ ताक़तें थीं, अलबत्ता वह भी वक़्ती थीं लेकिन लोग मुल्क की हिमयात में थें उन्हें भी उन्हीं बाहरी ताक़तों के ज़रिए निहत्था कर दिया गया
बहरहाल उसने ये काम किया और उनके हाथों से वो ताक़तें भी छीन लीं और जैसा कि आप जानते हैं, वो ख़ुद भी चला गया।
इमाम ख़ुमैनी र.ह.