हौज़ा न्यूज़ एजंसी की रिपोर्ट अनुसार भारत के धर्मगुरु और आल इंडिया शिया काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना जेनान असग़र मौलाई ने मिल्लत की समस्याएं और उनका हल के शीर्षक से आयोजित शिया काउंसिल की समीक्षा बैठक मे बोलते हुए कहा कि मौजूदा हालात और हर मोर्चे पर साम्राज्यवादी ताक़तों की नाकामी इस बात का इशारा देती है कि ईरानी अवाम ने एक बार फिर अपनी जागरूकता और इस्लामी इंक़ेलाब से अपनी वफ़ादारी के ज़रिए दुनिया की बड़ी ताक़तों ख़ास तौर पर अमरीका व इस्राईल के मंसूबों पर पानी फेर दिया।
जेनान असग़र मौलाई ने कहा कि परमाणु मामले में विफलता और इराक़ में पराजय का बदला देने के लिए पश्चिमी ताक़तों ने ईरान में दंगे करवाने का षडयंत्र रचा ।
विश्व अहलेबैत परिषद की भारत की इकाई के अध्यक्ष मौलना मोहम्मद रज़ा रिज़वी ग़रवी ने भी विश्व की साम्राज्यवादी शक्तियों द्वारा ईरान के ख़िलाफ़ की जा रही साज़िशों की कड़े शब्दों में निंदा की है। मौलाना ग़रवी ने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि जब ईरान की इस्लामी व्यवस्था के ख़िलाफ़ दुश्मन षड्यंत्र रच रहा है, लेकिन दुश्मन भी जानते हैं कि ईरान की इस्लामी क्रांति की जड़ें इतनी मज़बूत हैं कि उन्हें उखाड़ना तो दूर उन्हें हिलाया भी नहीं जा सकता। उन्होंने ईरान में होने वाली हालिया आतंकवादी घटनाओं पर ईरानी राष्ट्र और इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामनेई को सांत्वाना पेश करते हुए कहा कि मानवाधिकार का झूठा प्रचार करने वाले आज किस बिल में घुस गए हैं कि उन्हें न केवल ईरान में होने वाली आतंकी घटनाओं पर अफ़सोस नहीं हो रहा है बल्कि वे आतंकवादियों का समर्थन करते हुए नज़र आ रहे हैं।
काउंसिल के जनरल सेक्रेट्री मौलाना इमरान अली ने कहा कि जिस तरह प्रदर्शन के नाम पर मस्जिद, क़ुरआन और पवित्र स्थलों का अनादर किया गया और शाहचेहराग़ के पवित्र मज़ार में आतंकी हमला हुआ उससे साफ़ ज़ाहिर हो गया कि ईरान को भी सीरिया बनाने की कोशिश की गई जो ईरानी जनता की एकता की वजह से नाकाम हो गई।
बैठक में शिया काउंसिल के प्रवक्ता मौलाना जलाल हैदर नक़वी ने ईरान भारत संबंधों को मज़बूत बनाए जाने पर ज़ोर दिया।