बुधवार 30 नवंबर 2022 - 07:01
इस्लाम के दायरे में रहकर हर मैदान में तरक्की की जा सकती हैं,

हौज़ा/मिर्ज़ा सलमा बेग 9 सालों से गेट वुमन का काम संभाल रही है उन्होंने अपनी मेहनत के जरिए यह साबित कर दिया कि इस्लाम तरक्की की राह में जंजीर नहीं है बल्कि सभी को अधिकार है कि वह इस्लाम के दायरे में रहकर हर मैदान में तरक्की कर सकता हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,29 साल की मिर्ज़ा सलमा बेग 9 सालों से गेट वुमन का काम संभाल रही है वह लखनऊ मुख्यालय से करीब 12 किलोमीटर दूर के मल्हौर रेलवे क्रॉसिंग पर गेट वुमन के तौर पर क्रॉसिंग बंद करने और खोलेन का काम करती हैं।


उन्होंने 2013 में भारत की पहली गेटवूमन के तौर अपना काम संभाला था। 19 वर्ष की छोटी उम्र से ही वह लोहे के भारी चक्के को घुमाकर फाटक बंद और खोल रही हैं।

इन 9 सालों में सलमा ने कई ताने भी सुने, लेकिन उनके हिम्मत को कोई तोड़ नहीं सका। वह बताती हैं कि जब नौकरी में आई तो स्टेशन पर लोग कहते थे कि यह लड़की एक दिन भी नौकरी नहीं कर पाएगी आज उसने उन सभी की साेच को गलत साबित कर दिया है। सलमा का जज़्बा हर व्यक्ति के लिए एक मिसाल हैं।

उन्होंने अपनी मेहनत के जरिए यह साबित कर दिया कि इस्लाम तरक्की की राह में जंजीर नहीं है बल्कि सभी को अधिकार है कि वह इस्लाम के दायरे में रहकर हर मैदान में तरक्की कर सकता हैं।

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