हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "बिहारूल अनवार" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام العلی علیه السلام
ألا لا خَيرَ في قِراءةٍ ليسَ فيها تَدَبُّرٌ ، ألا لا خَيرَ في عِبادَةٍ ليسَ فيها تَفَقُّهٌ؛
हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
जान लो ! कि बगैर सोचे समझे फिक्र के बगैर कुरान की तिलावत,और बिना समझे इबादत करने से कोई फायदा नहीं हैं।
बिहरूल अनवार,भाग 4,पेंज 211,हदीस 92