हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हुज्जतुल इस्लाम मौलाना सैय्यद महमूद हसन रिज़वी ने नई साल की बधाई देते हुए एक संदेश जारी किया और कहा,हमें अपने अतीत के साथ साथ पिछले साल की घटनाओं और घटनाओं से सीखने की ज़रूरत है नए साल में सीखने और अनुभव करने और नई योजनाएं बनाने की जरूरत हैं।
उन्होंने कहा, नया साल हमारे लिए दृढ़ता, बलिदान और देशभक्ति और एकता का वर्ष हो,साल के अंत में जब दिसंबर का महीना आता है तो यह याद दिलाता है कि हमारे जीवन का एक और साल कम हो गया है हम इस उम्मीद के साथ नए साल का स्वागत करते हैं कि यह वह साल हो सकता है जब हमारी परिस्थितियां बेहतर हों और उम्मीदें हकीकत में बदल जाएं
हौज़ा न्यूज़ एजेंसी उर्दू के चीफ एडिटर ने आगें कहा:हमें इस बात का हिसाब करना चाहिए कि हमने पिछले साल क्या पाया और क्या खोया हमने किस किस का दिल दुखाया, कितने जरूरतमंद की ज़रूरत को पूरी किया,हमें बीते हुए समय का हिसाब लगाने के साथ-साथ नए साल के लिए नई योजनाएं बनाने और पुरानी कमियों को दूर करने की भी ज़रूरत हैं।
उन्होंने हज़रत इमाम जाफ़र सादिक अ.स. कि एक हादीस को बयान करते हुए
أَبِی عَبْدِ اللَّهِ (علیهالسلام) قَالَ: لَیْسَ مِنَّا مَنْ لَمْ یُحَاسِبْ نَفْسَهُ فِی کُلِّ یَوْمٍ فَإِنْ عَمِلَ خَیْراً (حَسَناً) اسْتَزَادَ اللَّهَ مِنْهُ وَ حَمِدَ اللَّهَ عَلَیْهِ وَ إِنْ عَمِلَ شَرّاً اسْتَغْفَرَ اللَّهَ مِنْهُ وَ تَابَ إِلَیْهِ۔
वह हम में से नहीं है जो हर दिन अपने नफ्स का हिसाब नहीं करें,अगर उसने कोई अच्छा काम किया है, तो उसे करने की क्षमता में वृद्धि के लिए दुआ करनी चाहिए और भगवान की स्तुति करनी चाहिए, और अगर उसने बुरे कर्म किए हैं तो अल्लाह से माफ़ी मांगे और तौबा करें।
अंत में उन्होंने उम्मीद है कि की यह साल इमाम ज़माना अ.स. की उपस्थिति और जन्नतुल बकी के निर्माण के साथ-साथ चरित्र को सही करने और नींद से जगाने वाला साल हो और सारी दुनिया में अमन और शांति कायम हो,