हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई से पूछे गए सवाल का जवाब दिया हैं।जो शरई मसाईल में दिलचस्पी रखते हैं,उनके लिए यह बयान किया जा रहा हैं।
सवाल: क्या मैं ऐसे दामाद या बहनोई को जो फकीर शुमार होता है कफ्फारा अम्दन और ग़ैर अम्दन दे सकता हूं?
उत्तर: कोई हर्ज नहीं हैं लेकिन ध्यान रहे कि कफ्फारा अम्दन 60 फकीरों को अलग अलग दिया जाता है लिहाज़ा अगर कफ्फारा अम्दन हो तो आप इन्हें सिर्फ एक मुद खाना दे सकते हैं।